लखनऊ में 2 लाख की रिश्वत लेते दरोगा गिरफ्तार; गैंगरेप मामले में पीड़ित पक्ष से मांगी थी रकम

Lucknow Police Officer Arrested

Lucknow Police Officer Arrested

Lucknow Police Officer Arrested: उत्तर प्रदेश की राजधानी में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के बीच लखनऊ में एंटी करप्शन टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. मामले में पुलिस ने महानगर थानाक्षेत्र की पेपरमिल चौकी में तैनात दरोगा को दो लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. मामले में चौकी प्रभारी ने गैंगरेप के एक केस में आरोपी कोचिंग संचालक का नाम हटाने के बदले यह रिश्वत मांगी थी। हालांकि, एंटी करप्शन टीम ने योजना बनाकर आरोपी दरोगा को गिरफ्तार कर लिया है. टीम द्वारा अचानक मारे गए इस छापे से मौके पर चौकी परिसर में हड़कंप मच गया.

मामले में गिरफ्तार किए गए दरोगा का नाम धनंजय सिंह है, जो पेपरमिल चौकी के इंचार्ज के रूप में तैनात थे. यहां एक युवती ने कुछ लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. इन आरोपियों में कोचिंग संचालक प्रतीक गुप्ता का नाम भी शामिल है. मामले को लेकर युवक का दावा है कि वह निर्दोष है और घटना में फंसाया गया है.

रिश्वत लेते पकड़े गए दरोगा

चौकी प्रभारी ने मामले की ‘विवेचना’ के नाम पर नाम हटाने के लिए रिश्वत मांगी. उसने पहले 5 लाख रुपये की मांग की थी, लेकिन बाद में सौदा 2 लाख पर तय हुआ. इस दौरान कोचिंग संचालक ने इसकी जानकारी एंटी करप्शन विभाग को दे दी. इसके बाद टीम ने जाल बिछाया और चौकी प्रभारी को गिरफ्तार कर लिया.

केचिंग संचालक ने क्या कहा?

मामले में कोचिंग संचालक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि, उनके यहां एक लड़की काम करती थी. उसने चार महीने पहले नौकरी छोड़ दी थी. इसके बाद उसने महानगर थाने में रेप का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया. उसने बताया कि मामले में लड़की ने मेरा भी नाम जोड़ दिया. इसके बाद मुझे महानगर थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया. यहां मुझे पता चला कि मेरे साथ एक रियाज अहमद नाम के व्यक्ति का नाम भी केस में शामिल था, जबकि मैं रियाज को जानता भी नहीं था.

संचालक युवती पर लगाया आरोप

कोचिंग संचालक ने युवती पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने मुझे गैंगरेप के मामले में फंसाकर 50 लाख रुपए की मांग की थी. मैं केस से बचने के लिए 10 लाख देने को तैयार था, लेकिन आरोपियों ने कहा कि जब 50 लाख हो जाएं तो बता देना. वे लड़की का बयान बदलवा देंगे. वहीं मामले में दरोगा ने भी केस से नाम हटाने के लिए रिश्वत मांगी थी, जिसके बाद उसने एंटी करप्शन में शिकायत की.